GI Tag / जी आई टैग / भौगोलिक संकेतक

 “जी आई टैग” क्या है ?

GI, Geographical Indications का संक्षिप्त नाम है  (हिन्दी रुपान्तरण भौगोलिक संकेतक)।
  • भौगोलिक संकेतक (GI), मुख्यत: किसी एक विशिष्ट भौगोलिक क्षेत्र में उत्पादित, कृषि उत्पाद, निर्मित उत्पाद (औद्योगिक वस्तुएं, हस्तशिल्प इत्यादि) अथवा प्राकृतिक उत्पाद होते हैं।
अन्य शब्दों में, किसी एक क्षेत्र विशेष में उत्पादित,  सबसे अलग विशिष्टता वााले उत्पादों को GI टैैैग दिया जाता है।  इन विशिष्ट  उत्पादों केे अन्तर्गत निम्नलिखित उत्पाद आते हैं :  कृृषि उत्पाद(फसल, फल-फूल, पान-मसाले इत्यादि),  खाने-पीने की चीजें (मिठाईयां इत्यादि) तथा हांथ से बनाए गए वस्तुएं (सजावटी सामान तथाा औद्योगिक वस्तुएं इत्यादि)।
  • आमतौर पर इन उत्पादों का नाम, इनकी गुणवत्ता एवं विशिष्टता को प्रदर्शित करता है।

GI टैग दिए जाने का उद्देश्य :

  •  किसी वस्तु विशेष को सुरक्षा (Security) प्रदान करने के लिए जी आई टैग दिया जाता है।  एक बार जी आई टैग की सुरक्षा मिल जाने के बाद, अन्य कोई बाजार निर्माता या कंपनी इन उत्पादों के नाम का दुरुपयोग नहीं कर सकता और न ही इनसे मिलती-जुलती उत्पाद बाजार में ला सकता है। 
  •  अन्य शब्दों में, जी आई टैग प्राप्तकर्ता वस्तु के नाम से अन्य वस्तुओं को बाजार में बेचा नहीं जा सकता।  इस प्रकार, GI टैग ग्राहकों के लिए उत्पाद की गुणवत्ता और प्रमाणिकता (authenticity) सुनिश्चित करता है।

भौगोलिक संकेत पंजीकरण (GI Registration) की वैधता अवधि कितनी होती है ?

  • एक भौगोलिक संकेतक का पंजीकरण 10 साल तक वैध रहता है। समय समय पर इस पंजीकरण को नवीकृत (renewed) कराकर इस अवधि को फिर से आगामी 10 सालों तक बढ़ाया जा सकता है।
वस्तुओं का भौगोलिक संकेत (पंजीकरण एवं संरक्षण) अधिनियम, 1999 द्वारा भौगोलिक संकेतक को प्रशासित किया जाता है।
  • भारत में सबसे पहला जी आई टैग वर्ष 2004 में ‘दार्जिलिंग चाय’ को दिया गया था

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