One District One Product scheme / वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट स्कीम / एक जिला एक उत्पाद योजना / एक जनपद एक उत्पाद योजना / ODOP

 


‘वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट’(ODOP) योजना को सबसे पहले 24 जनवरी 2018 में उत्तर प्रदेश  के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा अपनेे राज्य के चुनिंदा जिलों के लिए प्रस्तुत किया गया था। 

       ..... उत्तर प्रदेश के इस योजना के सफलता व अनोखेपन को देखते हुए केंद्र सरकार ने इसे राष्ट्रीय स्तर पर देश के सभी राज्यों के सभी जिलों के लिए लागू कर दिया।

योजना के तहत, जिले के एक विशिष्टता वाले (specialized) उत्पाद को चिन्हित कर उसके उत्पादन को बढ़ावा दिया जाएगा। यह उत्पाद (product) कुछ भी हो सकता है, जैसे – खाने-पीने की चीजें (मिठाईयां, पान-मसाले, धान-चावल इत्यादि), सजावटी वस्तुएं, हस्तशिल्प, कपड़े (साड़ी, चादर, गमछे इत्यादि)।

     ..... इस प्रकार, प्रत्येक जिले का अपना एक विशिष्ट उत्पाद होगा, और यही उत्पाद उस जिले का पहचान बनेगा।

         ODOP योजना का उद्देश्य :

एक जिला एक उत्पाद (ODOP) योजना का उद्देश्य है 

  •  जिले के उत्पादन एवं उत्पादकता को बढ़ावा देना;
  •  स्थानीय शिल्प-कला संरक्षण एवं विकास करना;
  •  कला को प्रोत्साहन देना;
  • उत्पादन की गुणवत्ता में सुधार करना;
  • कौशल विकास में सुधार करना, तथा
  • लघु उद्योगों एवं लघु उद्यमों को प्रोत्साहन एवं संरक्षण देना।

उत्तर-पूर्व राज्यों (North-East) के लिए वरदान!

ODOP योजना उत्तर-पूर्वी राज्यों के लिए वरदान साबित हो सकता है, क्योंकि
  • जनजातीय क्षेत्र : इन क्षेत्रों में हजारों जनजातियां रहती हैं। जनजातियां अक्सर एक विशिष्ट कारीगरी से संबंधित होते हैं। अतः इनके हस्तशिल्प-उत्पादों ODOP योजना के तहत चिन्हित किया जा सकेगा।
  • प्राकृतिक संसाधन : उत्तर-पूर्वी क्षेत्र मूलतः पहाड़ी क्षेत्र हैं, अतः इन क्षेत्रों में विशिष्ट प्रकार के काठ/काष्ठ तथा जड़ी-बूटियांं पाई जाती हैैंं, योजना के तहत इन्हें चिन्हित कर बढ़ावा दिया जा सकता है।
  •  कृषि  प्रधान अर्थव्यवस्था 
  • बाजार की उपलब्धता : अधिकतर उत्तर-पूर्वी राज्यों के पास अंतरराष्ट्रीय सीमाएं (international border) हैैं। अतः इन राज्यों में उत्पादित उत्पादों को आसाानी से पड़ोसी देश के बाजारों में बेचा जा सकता है।
उत्तर-पूर्वी राज्यों को इस योजना की आवश्यकता क्यों है ?
  • कम आर्थिक विकास;
  • भारत के मुख्य भूमि (मेनलैंड इंडिया) से अलग होने का एहसास;
  • मेनलैंड इंडिया से कनेक्टिविटी में कमी;
  • उत्तर-पूर्वी क्षेत्रों का मेनलैंड इंडिया में कम राजनीति प्रतिनिधित्व
  • अमूमन केंद्र के योजनाएं ‘up-to-down’ अप्रोच वाली होती हैं, परन्तु ODOP स्कीम ‘down-to-up’ अप्रोच वाली है।
  • यह स्कीम जनजातीय लोगों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकती है।

               अन्य पहलूएं :
  • इस प्रकार, इस योजना से रोजगार का भी सृजन होगा;
  • इस प्रकार, इन उत्पादों का व्यापार राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी किया जा सकेगा।
  • इस प्रकार, यह स्कीम भारत के प्रत्येक जिले के विशिष्ट एवं स्थानीय उत्पादों की पहचान करके जिले की अर्थव्यवस्था को बूस्ट करेगा।
  • यह MSME के लिए वरदान साबित हो सकता है‌
             पृष्ठभूमि
‘वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट’(ODOP) स्कीम मूलतः एक जापानी अवधारणा है, जो कि एक प्रकार का व्यवसाय विकास की अवधारणा है। 
जापान के इस अवधारणा का था — किसी एक विशिष्ट क्षेत्र के प्रमुख एवं प्रतिस्पर्धी उत्पाद (product) को बढ़ावा देकर वहां के आबादी के जीवन-स्तर में सुधार करना।

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