Open Skies Treaty (मुक्त आकाश समझौता)
ऑपन स्काई ट्रीटी (OST) 34 देशों का एक संधि है।
इस संधि के अनुसार, संधि पर हस्ताक्षर करने वाले सभी देश एक-दूसरे के सीमाओं में सैन्य गतिविधियों के जांच के लिए हथियार-रहित (गैर-हथियार वाले) निगरानी विमानों को उड़ाने की अनुमति देते हैं।
इस प्रकार, Open Skies Treaty (OST) समझौते के तहत, कोई भी सदस्य देश दूसरे देश (मेजबान देश) की पूर्व अनुमति से उस देश की जासूसी कर सकता है।
इस प्रकार, इस समझौते को विश्व शांति के उद्देश्य से लाया गया था।
- मुक्त आकाश समझौते (OST) को 1955 में शीत युद्ध के दौरान तनाव कम करने के लिए लाया गया था।
- संधि को सर्वप्रथम 1955 में अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति द्वारा पेश किया गया था।
- नाटो (NATO) के सदस्यों एवं वारसा पेक्ट के सदस्य देशों ने 1992 में OST संधि पर हस्ताक्षर किया। .... ध्यातव्य है कि NATO का नेतृत्व अमेरिका कर रहा है जबकि वारसा पैक्ट का नेतृत्व रुस कर रहा था...
- यह समझौता अंततः 2002 में पूर्ण रूप से लागू हुआ।
- अब इसके 34 सदस्य देश हैं (अमेरिका और रुस सहित)।
- भारत इसका सदस्य नहीं हैं। अर्थात् OST का कोई भी सदस्य देश, इस समझोते के तहत भारत की जासूसी नहीं कर सकता है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने मई 2020 में Open Skies Treaty से अलग होने की की थी। अमेरिका ने रुस पर यह आरोप लगाया था कि रुस कई सालों से और विभिन्न प्रकार से संधि का उल्लंघन कर रहा है।.....समझौते से अलग होने का अर्थ है कि अब रुस अमेरिका की जासूसी नहीं कर पाएगा।
प्रतिक्रियास्वरूप अब रुस ने भी खुद को संधि से अलग करने की घोषणा कर दी है।
इस प्रकार, ऐसा करने से दोनों देश (अमेरिका और रुस) अब एक-दूसरे के किसी भी हिस्से की निगरानी व जासूसी नहीं कर पाएंगे।
Comments
Post a Comment