MSP क्या है ?





     MSP अर्थात् Minimum Support Price (न्यूनतम समर्थन मूल्य)!
     MSP किसी कृषि उपज का एक पूर्व निर्धारित मूल्य (तय मूल्य) होता है। भारत सरकार द्वारा समय-समय पर कुुुछ कृषि उपजों (जैसे- धान, गेहूं, कपास इत्यादि) का MSP की घोषणा करके किसानों को उपज का एक निर्धारित मूल्य देने का आश्वासन दिया  जाता है।
    अन्य शब्दों में, MSP वह न्यूनतम कीमत है जिस पर भारत सरकार कृषकों से उनके उपजों को खरीदती है।
MSP की घोषणा फसल बुवाई से पहले ही कर दी जाती है। अतः बाद में सरकार MSP में निर्धारित मूल्य से कम कीमत पर उपज को नहीं खरीद सकती।
    .... इस प्रकार, सरकार गारंटीकृत न्यूनतम मूल्य एवं सुनिश्चित बाजार प्रदान करके किसानों को हानि (loss) होने से बचाती है। परन्तु, किसान अपने उपजों को किसी और के हाथों बेचने के लिए स्वतंत्र होते हैं।
  •  उदाहरणार्थ - मान लीजिए अगर  सरकार नेे MSP केे तहत गेहूं की कीमत 20 रुपए प्रति किलो  निर्धारित किया है, तो किसान को उसके गेहूं की कीमत कम से कम 20 रुपए प्रति किलो मिलेगा ही, भले ही इस कीमत पर खरीदारी करके सरकार को घाटा हो रहा हो। परन्तु, यदि किसान को पता चले कि अमूख बाजार या मंडी में उसका गेहूं 21 या 22 रुपए प्रति किलो बिकेगा, तो किसान वहां अपने उपजों को बेच सकता है। सरकार इसमें बाधा नहीं बनेगी।

                    MSP का उद्देश्य

1. उचित मूल्य देकर किसानों के हितों की रक्षा करना।

  •  MSP का महत्व इस बात में है कि, मान लीजिए कि इस वर्ष गेहूं की कीमत में बहुत गिरावट आई है और इसका बाजार मूल्य 10 रुपए प्रति किलो हो गई है, परन्तु सरकार ने MSP के तहत गेहूं की कीमत 20 रुपए प्रति किलो निर्धारित कर रखा है। अतः सरकार जिन किसानों से गेहूं खरीदेगी उसे 20 रुपए प्रति किलो के दर से कीमत मिलेगी। अन्यथा दूसरी जगह उसे 10 रुपए प्रति किलो के हिसाब से अपने गेहूं बेचने पड़ेंगे।

2. बिचोलियों के शोषण से किसानों की रक्षा करना।
  • ज्ञातव्य है कि जब किसान अपनी उपज को बेचने के लिए मंडियों/बाजारों में जाते हैं तो बिचोलिए उन्हें ठगने के लिए विभिन्न पैतरे आजमाते हैं और बेचारे भोले-भाले किसान  उनके जाल में फंस जाते हैं।
  • जबकि MSP के तहत, सरकारी एजेंसियां सीधे किसानों से ही उनके उपजों को (पूर्व निर्धारित कीमत पर) खरीदकर ले जातीं हैं।
3. किसानों से अनाज खरीदकर सार्वजनिक वितरण प्रणाली [Public Distributive System (PDS)] में आपूर्ति करना तथा सरकारी भंडारों में जमा करना।
  • ध्यातव्य है कि सरकार द्वारा खरीदे गए इन्हीं अनाजों को विभिन्न योजनाओं के माध्यम से लोगों तक मुफ्त में पहुंचाया जाता है। जैसे- Mid-day meal.
  • ध्यातव्य है कि  कोरोना (COVID-19) महामारी के दौरान भी PDS दुकानों पर बहुत बड़ी मात्रा में फ्री में राशन बांटे गए थे।
    महत्वपूर्ण बिंदुएं / key facts
  • सरकार MSP की घोषणा फसल बुवाई से पहले करती है।
  • MSP की घोषणा कृषि लागत एवं मूल्य आयोग /Commission for Agricultural Costs and Price [CACP]  की अनुशंसा पर भारत सरकार द्वारा की  जाती है।  अर्थात् MSP का निर्धारण CACP द्वारा की जाती है।
  • CACP भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय का एक संलग्न कार्यालय है।
  • संबंधित एक कमेटी ने MSP Rate को उत्पादन लागत से डेढ़ गुना रखने की सिफारिश की थी।
  • 24 फसलों को MSP में शामिल किया जाता है।
  • Note: गन्ने को MSP में शामिल नहीं किया जाता हैै, बल्कि   इसके लिए उचित एवं लाभकारी मूल्य [Fair and Remunerative Price (FRP)] जारी की जाती है। 

Comments

Popular posts from this blog

द्विज (Dvija)

क्रेनियोपेगस(Craniopagus) क्या है ?

इथिक्स (नीतिशास्त्र) क्या है ?/ What is Ethics ?