भारत का ‘No First Use’ नीति / ‘No First Use’ policy of India / पहले उपयोग नहीं नीति

                   


‘No First Use’(‘पहले उपयोग नहीं’) का अर्थ है - भारत किसी भी परमाणु क्षमता संपन्न देश पर पहले परमाणु हमला नहीं करेगा।

  • अन्य शब्दों में, भारत तभी अपने परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करेगा जब सामनेवाले देश ने पहले परमाणु हथियारों का इस्तेमाल किया हो। 
  • अन्य शब्दों में, भारत अपने परमाणु हथियारों का इस्तेमाल केवल परमाणु हमले का प्रतिशोध लेने के लिए करेगा। अर्थात्  इस संबंध में भारत कभी भी स्वयं पहल नहीं करेगा।

                    भारत की परमाणु नीति :

  • वर्ष 1998 में भारत ने पोखरण में अपना दूसरा परमाणु परीक्षण किया। यह एक सफल परीक्षण था। इस परीक्षण के बाद ही भारत ने खुद को एक परमाणु क्षमता संपन्न देश घोषित कर दिया।
  • भारत के इस कदम से अंतरराष्ट्रीय जगत में खलबली मच गई, विशेषकर पश्चिमी देशों में। परिणामस्वरूप भारत पर कई प्रकार के प्रतिबंध (sanction) भी लगाए गए।
  • अब भारत को एक सख्त परमाणु नीति अपनाने की जरूरत थी। साथ ही साथ भारत ने स्वयं को एक जिम्मेदार देश साबित करने के लिए ‘No First Use’ नीति अपनाई। 
  • भारत की यह नीति अंतरराष्ट्रीय शांति के लिए जरुरी था ही, साथ ही एशिया क्षेत्र में शांति के लिए भी बहुत जरूरी था। ज्ञातव्य है कि भारत के पड़ोसी देश चीन ने पहले ही (1964 में) परमाणु परीक्षण कर लिया था  उसने भारत से पहले ही खुद की ‘No First Use’ नीति की घोषणा कर दी थी। .... अगर भारत यह नीति नहीं अपनाता तो दोनों देशों के बीच परमाणु हथियारों की होड़ लग जाती, साथ ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि भी ख़राब हो जाती।
इसके अलावा भारत की परमाणु नीति में पहले ही स्पष्ट कर दिया गया है कि भारत गैर-परमाणु संपन्न देशों पर कभी भी न्यूक्लियर हमला नहीं करेगा।
  • हमारे ‘No First Use’ (पहले उपयोग नहीं) नीति के ठीक विपरीत, संयुक्त राष्ट्र अमेरिका की ‘First Use’ (पहले उपयोग) नीति है। अर्थात् अमेरिका किसी भी समय, किसी भी देश पर परमाणु हमला करने के लिए तत्पर रहता है।
  • जापान के हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु हमला अमेरिका के ‘First Use’ नीति का ही परिणाम है।
                 चर्चा में क्यों ?
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 16 अगस्त, 2019 को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि देते हुए कहा था कि “भारत परमाणु हथियारों के इस्तेमाल के संबंध में अपने ‘No First Use’ सिद्धांत पर पूरी तरह से क़ायम है, परन्तु आगे परिस्थितियों के अनुसार इस नीति में बदलाव भी किया जा सकता है।”
  • रक्षा मंत्री के इस बयान के बाद से भारत के परमाणु नीति के बारे में विभिन्न कयास लगाए जा रहे थे, परन्तु अब फिर से भारत के विदेश सचिव ने बयान जारी करके यह स्पष्ट कर दिया है कि ‘‘भारत अब भी अपने ‘No First Use’ सिद्धांत पर प्रतिबद्ध है।’’ 

Comments

Popular posts from this blog

द्विज (Dvija)

क्रेनियोपेगस(Craniopagus) क्या है ?

इथिक्स (नीतिशास्त्र) क्या है ?/ What is Ethics ?