भारत का ‘No First Use’ नीति / ‘No First Use’ policy of India / पहले उपयोग नहीं नीति
‘No First Use’ (‘पहले उपयोग नहीं’) का अर्थ है - भारत किसी भी परमाणु क्षमता संपन्न देश पर पहले परमाणु हमला नहीं करेगा। अन्य शब्दों में, भारत तभी अपने परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करेगा जब सामनेवाले देश ने पहले परमाणु हथियारों का इस्तेमाल किया हो। अन्य शब्दों में, भारत अपने परमाणु हथियारों का इस्तेमाल केवल परमाणु हमले का प्रतिशोध लेने के लिए करेगा। अर्थात् इस संबंध में भारत कभी भी स्वयं पहल नहीं करेगा। भारत की परमाणु नीति : वर्ष 1998 में भारत ने पोखरण में अपना दूसरा परमाणु परीक्षण किया। यह एक सफल परीक्षण था। इस परीक्षण के बाद ही भारत ने खुद को एक परमाणु क्षमता संपन्न देश घोषित कर दिया। भारत के इस कदम से अंतरराष्ट्रीय जगत में खलबली मच गई, विशेषकर पश्चिमी देशों में। परिणामस्वरूप भारत पर कई प्रकार के प्रतिबंध (sanction) भी लगाए गए। अब भारत को एक सख्त परमाणु नीति अपनाने की जरूरत थी। साथ ही साथ भारत ने स्वयं को एक जिम्मेदार देश साबित करने के लिए ‘No First Use’ नीति अपनाई। भारत की यह नीति अंतरराष्ट्रीय शांति के लिए जरुरी था ही, साथ ही एशिया क्षेत्र म