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Showing posts from January, 2021

कार्बन सिंक (Carbon Sink)

 कार्बन सिंक क्या है ? कोई भी चीज़ जो कार्बन को मुक्त कराने (छोड़ने) से ज्यादा उसे अवशोषित करने का गुण रखता हो, वह ‘कार्बन सिंक’ कहलाता है। उदाहरणार्थ,  प्रकाश-संश्लेषण प्रक्रिया के दौरान पेड़-पौधे वातावरण से कार्बन डाइऑक्साइड को ग्रहण करके आक्सीजन छोड़ते हैं। इस प्रकार, पेड़-पौधे कार्बन सिंक का कार्य करते हैं तथा वातावरण को शुद्ध रखते हैं। यह कार्बन डाइऑक्साइड ग्रीन कार्बन ( green carbon ) केेरुप में  पेड़-पौधों की जड़, तना एवं मिट्टी में संग्रहित होता रहता है। कार्बन सिंक 2 प्रकार का होता है — प्राकृतिक सिंक (Natural Sink) : इसके अंतर्गत समुद्र, वन तथा मृदा (मिट्टी) आताा है। कृत्रिम सिंक (Artificial Sink) : इसके अंतर्गत अखननीय खादान तथा विघटित तेल भंडार (Deplected Oil Reserves) आते हैं।  कार्बन कैप्चरिंग विधि मेें कार्बन सिंकों  का खुब उपयोग किया जा रहा है।   

कार्बन कैप्चरिंग ( Carbon Capturing)

कार्बन कैप्चरिंग, कार्बन के प्रबंधन का एक नया तरीका है।   इसे वैश्विक जलवायु परिवर्तन से निपटने के उद्देश्य से लाया गया था।   इस विधि के तहत, कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) या कार्बन के अन्य रूपों को कैप्चर (capture/ग्रहण) करके उसे लंबे समय तक संग्रहित (store) किया जाता है। अतः यह विधि ‘कार्बन कैप्चरिंग’ कहलाता है। इसे Carbon Capture and Storage (CCS) के नाम से भी जाना जाता है। इस विधि में औद्योगिक स्थलों, पावर-स्टेशनों एवं सीधे हवा से कार्बन डाइऑक्साइड को पकड़ लिया जाता है, तदोपरान्त उसे भूमि के नीचे ( कार्बन सिंक में) संग्रहित (store) कर दिया जाता है।       इस तरह, जलवायु परिवर्तन एवं ग्लोबल वार्मिंग के सबसे बड़े जिम्मेदार (कारक) कार्बन डाइऑक्साइड के एक बहुत बड़ी मात्रा को सीधे वायुमंडल में मिलने से रोकाा जाता हैै। इस पकड़े गए कार्बन डाइऑक्साइड को समुद्र में, मृदा/मिट्टी में, वन में, अखननीय खादानों में अथवा विघटित तेल भंडारों * में संग्रहित (store) कर दिया जाता है। इस कारण से इन स्थानों को कार्बन सिंक कहा जाता है।

GI Tag / जी आई टैग / भौगोलिक संकेतक

 “जी आई टैग” क्या है ? GI , Geographical Indications का संक्षिप्त नाम है   (हिन्दी रुपान्तरण भौगोलिक संकेतक )। भौगोलिक संकेतक (GI), मुख्यत: किसी एक विशिष्ट भौगोलिक क्षेत्र में उत्पादित, कृषि उत्पाद, निर्मित उत्पाद (औद्योगिक वस्तुएं, हस्तशिल्प इत्यादि) अथवा प्राकृतिक उत्पाद होते हैं। अन्य शब्दों में, किसी एक क्षेत्र विशेष में उत्पादित,  सबसे अलग विशिष्टता वााले उत्पादों को GI टैैैग दिया जाता है।  इन विशिष्ट  उत्पादों केे अन्तर्गत निम्नलिखित उत्पाद आते हैं :  कृृषि उत्पाद(फसल, फल-फूल, पान-मसाले इत्यादि),  खाने-पीने की चीजें (मिठाईयां इत्यादि) तथा हांथ से बनाए गए वस्तुएं (सजावटी सामान तथाा औद्योगिक वस्तुएं इत्यादि)। आमतौर पर इन उत्पादों का नाम, इनकी गुणवत्ता एवं विशिष्टता को प्रदर्शित करता है। GI टैग दिए जाने का उद्देश्य :  किसी वस्तु विशेष को सुरक्षा ( Security ) प्रदान करने के लिए जी आई टैग दिया जाता है।  एक बार जी आई टैग की सुरक्षा मिल जाने के बाद, अन्य कोई बाजार निर्माता या कंपनी इन उत्पादों के नाम का दुरुपयोग नहीं कर सकता और न ही इनसे मिलती-जुलती उत्पाद बाजार में ला सकता है।   अन्

Open Skies Treaty (मुक्त आकाश समझौता)

ऑपन स्काई ट्रीटी (OST) 34 देशों का एक संधि है। इस संधि के‌ अनुसार,  संधि पर हस्ताक्षर करने वाले सभी देश एक-दूसरे के सीमाओं में सैन्य गतिविधियों के जांच के लिए हथियार-रहित (गैर-हथियार वाले) निगरानी विमानों को उड़ाने की अनुमति देते हैं। इस प्रकार, Open Skies Treaty (OST) समझौते के तहत, कोई भी सदस्य देश दूसरे देश (मेजबान देश) की पूर्व अनुमति से उस देश की जासूसी कर सकता है। इस प्रकार, इस समझौते को विश्व शांति के उद्देश्य से लाया गया था। मुक्त आकाश समझौते (OST) को 1955 में शीत युद्ध के दौरान तनाव कम करने के लिए लाया गया था। संधि को सर्वप्रथम 1955 में अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति द्वारा पेश किया गया था। नाटो (NATO) के सदस्यों एवं वारसा पेक्ट के सदस्य देशों ने 1992 में OST संधि पर हस्ताक्षर किया। .... ध्यातव्य है कि NATO का नेतृत्व अमेरिका कर रहा है जबकि वारसा पैक्ट का नेतृत्व रुस कर रहा था... यह समझौता अंततः 2002 में पूर्ण रूप से लागू हुआ। अब इसके 34 सदस्य देश हैं (अमेरिका और रुस सहित)। भारत इसका सदस्य नहीं हैं। अर्थात् OST का कोई भी सदस्य देश, इस समझोते के तहत भारत की जासूसी नहीं कर सकता

One Country Two Systems (एक देश दो प्रणाली)

एक देश दो व्यवस्था (One Country Two Systems) चीन  की एक नीति है जो कि हांगकांग और मकाऊ से संबंधित है। आपके जानकारी के लिए बता दें कि हांगकांग और मकाऊ दोनों ही क्षेत्र South China Sea में अवस्थित द्वीप (iland) है, और  यह दोनों क्षेत्र चीन का विषेश प्रशासनिक क्षेत्र (Special Administrative Region — SAR ) है। तो आईए, इसके पृष्ठभूमि/background को समझें और यह भी समझें कि Special Administrative Region — SAR क्या है ?       पृष्ठभूमि (Background) यूरोपियनों के आगमन से पहले हांगकांग और मकाऊ पर चीन का शासन था। यह दोनों क्षेत्र मुख्य भूमि चीन (mainland china) के कंट्रोल में था। 👉 जब औपनिवेशिक दौर शुरू हुआ तब 1557 में मकाऊ पर पुर्तगालियों ने कब्जा कर लिया। 👉 दूसरी तरफ, प्रथम अफीम युद्ध में हारने के बाद 1842 में  हांगकांग  पर ब्रिटेन का कब्ज़ा हो गयाा। जापान भी अलग-अलग देशों पर कब्जा करता था रहा था। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान उसने हांगकांग पर कब्जा कर लिया। परन्तु द्वितीय विश्व युद्ध में हार के हांगकांग जापान के हांथ से निकल गया और चीन के कब्जे में चला गया। आगे चलकर 1898 में ब्रिटेन और चीन क

Institute of Eminence ( इंस्टीट्यूट ऑफ एमीनेन्स)

 

क्या SC, ST या OBC से संबंधित होने पर भी Economically Weaker Section (EWS) के लिए अप्लाई करना जरूरी है ?

  नहीं! … SC/ST या OBC वर्गों के उम्मीदवारों को अलग से EWS रिज़र्वेशन लिए किसी प्रकार का कोई अप्लाई नहीं करना पड़ता है।           ....SC/ST या OBC वर्ग के उम्मीदवारों को अन्य किसी भी प्रकार के रिर्जवेशन की आवश्यकता नहीं पड़ती है। क्योंकि — 👉 SC/ST/OBC से संबंधित होना ही अपने आप में एक प्रकार का आरक्षण है।   👉 EWS अर्थात्  Economically Weaker Section/आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग  👉 जेनरल कैटेगरी के अंतर्गत आने वाले आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को EWS के रुप में चिन्हित किया जाता है तथा इन्हें general category के अंतर्गत ही रिर्जवेशन दिया जाता है।      इस प्रकार, EWS जेनरल कैटेगरी के अंतर्गत एक प्रकार का    उप-वर्गीकरण है। 

नैतिकता (Morality) क्या है ?

  नैतिकता (Morality/Morals) नैतिकता एक सामाजिक पक्ष है। नैतिकता एक दार्शनिक अवधारणा है, जिसके तहत सही या ग़लत क्या है का निर्धारण किया जाता है। नैतिकता यह निर्धारित करने में अहम भूमिका निभाता है कि क्या वांछित है और क्या अवांछित।    नैतिकता एक आन्तरिक पक्ष है, जिसके तहत व्यक्ति स्वयं ही सही या ग़लत का निर्धारण करता है।   इस प्रकार नैतिकता अंतरात्मा की आवाज है। नैतिकता और कानून, दोनों सामाजिक व्यवस्था  बनाए रखने में अहम भूमिका अदा करती है। कानून एक प्रकार का निर्धारित सामाजिक मानदंड है जो यह बताता है कि ‘क्या करना चाहिए’ और ‘क्या नहीं करना चाहिए’। कानून को मानने के लिए व्यक्ति मजबूर होता है। जबकि नैतिकता स्वैच्छिक एवं व्यक्तिगत रुप है।         .... नैतिकता एवं कानून के बेहतर तालमेल से एक बेहतरीन समाज की स्थापना होती है। कानून के क्रियान्वयन में अक्सर नैतिकता की आवश्यकता होती है। परन्तु यह जरूरी नहीं है कि नैतिकता और क़ानून में सदैव सामंजस्य बना रहे। किसी विशेष स्थिति में, जो चिज़ नैतिक रूप से सही हो, पर वह कानूनी  रूप से ग़लत हो भी सकता है।    कानून और नैतिकता के संबंधों को हम आगे उदाहर

इथिक्स (नीतिशास्त्र) क्या है ?/ What is Ethics ?

 Ethics शब्द की उत्पत्ति ग्रीक शब्द ‘Ethica’ से हुई है। ‘Ethica’ का अर्थ है रीति, प्रचलन या आदत।    इस प्रकार, नीतिशास्त्र (Ethics) के अंतर्गत   रीति, प्रचलन या आदत  का व्यवस्थित अध्ययन किया जाता है।  परन्तु, नीतिशास्त्र का कोई भी स्पष्ट परिभाषा नहीं है। ‘नीतिशास्त्र (Ethics)’ शब्द के गहराई को समझने के लिए आवश्यक है कि हम पहले ‘नैतिकता’(Morals)  शब्द केे अर्थ को जाने।         👉  ... सही या ग़लत के प्रति व्यक्ति का अपना व्यक्तिगत राय  ही नैतिकता है। इसके तहत व्यक्ति स्वयं यह निर्णय करता हैै कि क्या सही है और क्याा ग़लत।  तथा वह स्वयं ही निर्णय करता है कि उसे कहांं और कैैैसा व्यवहार करना चाहिए। नैतिकता तर्क और विवेक पर आधारित होती है।        👉वहीं दूसरी ओर, नीतिशास्त्र एक सुस्थापित मानक है सही या ग़लत का।  दूसरे शब्दों में, मनुष्य काा आचरण  कैसा   होना चाहिए इसी का अध्ययन शास्त्र है नीतिशास्त्र।     इस प्रकार,  नैतिकता व्यक्ति विषयक है जबकि नीतिशास्त्र  समाज विषयक। अन्य शब्दों में, नीतिशास्त्र मानक नियमों एवं आर्दशों द्वारा मानवीय आचरण तथा व्यवहार का नियमन, मार्गदर्शन तथा मूल्यांकन